लगभग 13 वर्ष पूर्व बिहार की जनता ने पूरी आशा और विश्वास के साथ शासन की बागडोर श्री नीतीश कुमार को सौंपी। श्री कुमार ने वर्ष 2005 में कानून का राज स्थापित करने और न्याय के साथ विकास के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर उन्होंने सुशासन, पारदर्शिता एवं समावेशी विकास के सिद्धांतो पर शासन की नीव रखी। पहले वर्ष 2005-2010 तक के लिए और इसके उपरांत अभी तक सुशासन के कार्यक्रम बनाये रखे। उन्होंने पूरी इमानदारी एवं लगन से ‘सुशासन के कार्यक्रम’ पर आधारित नीतियों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन किया। उपलब्धियों, संभावनाओं एवं चुनौतियों से परिपूर्ण इस यात्रा में श्री नीतीश कुमार को राज्य की जनता का भरपूर सहयोग एवं समर्थन मिल रहा है।
कुछ वर्षो की अवधि में ही उन्होंने कई सार्वजनिक संस्थाओं एवं व्यवस्थाओं का पुनर्निर्माण किया। इस सफ़र में जहाँ एक ओर प्रभावी विधि व्यवस्था, कानून का राज स्थापित करने में सफलता मिली, वहीं दूसरी ओर मानव संसाधन के साथ-साथ उत्तम आधारभूत संरचना के विकास में श्री नीतीश कुमार ने कई नई ऊचाइयाँ हासिल की है। लोगों के मन में सुरक्षा एवं निश्चय का माहौल बना, जिसका प्रभाव शहर तथा गांवों में आर्थिक तथा सामाजिक गतिविधियों में देखा जा सकता है। समाज के कमजोर, साधनहीनता एवं विकास से वंचित वर्गो को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने बिहार के विकास की एक नई दिशा की कल्पना की ।
राज्य में विधि-व्यवस्था बहाल कर कानून का राज स्थापित करना श्री नीतीश कुमार की प्रथम तथा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। बिना कोई भेदभाव से कानूनी प्रावधानों एवं वैधिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए हमने अपराध पर नियंत्रण तथा अपराधियों को निष्प्रभावी करने के लिए ठोस व्यवस्था लागू की, जिसका परिणाम चारों ओर देखा जा सकता है। संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया। न्यायालयों से समन्वय कर त्वरित विचरण प्रणाली की व्यवस्था लागू की गई और न्यायालायों द्वारा बड़ी संख्या में अपराधियों को सजा सुनाई गई। जनसंख्या के अनुपात में पुलिस बल मे नियुक्ति सहित, पुलिस को सभी आवश्यक संसाधन के साथ-साथ उनके आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया। असामाजिक तत्वों के द्वारा जहाँ कहीं भी कलह पैदा करने या सांप्रदायिक स्थिति पैदा करने की कोशिश की गई तो उन्होंने त्वरित कार्यवाई करते हुए लोगों से संवाद कायम कर उनके सहयोग तथा प्रशासनिक हस्तक्षेप से इन घटनाओं को नियंत्रित किया है। इन प्रभावी कार्यवाईयों से जहाँ एक ओर नागरिकों के मन में सुरक्षा का भाव जागा, वहीं दूसरी ओर अपराधियों मे कानून का डर स्थापित हुआ। आज लोग कभी भी और किसी भी समय निजी एवं सामाजिक गतिविधियों के लिए अपने घरों से निकल सकते हैं। सुरक्षा एवं उत्साह के इस अहसास को आंकड़ों में नहीं मापा जा सकता।
जीरो टोलरेंस की निति अपनाकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध श्री नीतीश कुमार की मुहीम जारी है | कानूनी एवं संस्थागत व्यवस्था कर भ्रष्ट लोक सेवकों के विरुद्ध प्रभावकारी कार्यवाई सुनिश्चित की गई है | निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई एवं आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा भ्रष्टाचार में संलिप्त, आय से अधिक संपत्ति उपार्जित करने एवं पद का दुरूपयोग करने वाले लोक सेवकों के विरुद्ध मामले दर्ज कर उन्हें सजा दिलाने और उनकी अवैध संपत्ति को जब्त करने की ठोस कार्यवाइयां की गई हैं। देश में पहली बार जब्त अवैध संपत्तियों के भवनों में गरीब और निःशक्त बच्चों के लिए विद्यालय खोले गए।