मुख्यमंत्री
श्री नीतीश कुमार ने आज मधेपुरा जिला के बी0एन0
मण्डल स्टेडियम
में आयोजित चेतना सभा को संबोधित करते हुये कहा कि मैं सर्वप्रथम मधेपुरा की इस
धरती को नमन करता हूँ। उनहोंने कहा कि मैं निश्चय यात्रा पर निकला हूँ । इस निश्चय
यात्रा का मकसद है जमीनी स्तर पर देखना कि सात निश्चय की योजनाओं सहित अन्य येाजनाओं का किस तरह
क्रियान्वयन हो रहा है। उन्होंने कहा कि साथ ही हमने बिहार में एक अभिनव प्रयोग
किया है लोक शिकायत निवारण कानून का। उन्होंने कहा कि अब लोगों को शिकायत लेकर
कहीं और जाने की जरूरत नहीं है। लोक शिकायत निवारण केन्द्र पर शिकायतों से संबंधित
आवेदन दीजिये,
उस पर कार्रवाई
की जायेगी। उन्होंने कहा कि यह देष में अनोखा प्रयोग है। उन्होंने कहा कि दस
वर्षों तक जनता के दरबार में मुख्यमंत्री एवं अन्य अधिकारी कार्यक्रम को देखा है।
लोग अपनी शिकायत को लेकर आते थे, उनकी शिकायतों को दूर करने का प्रयास किया जाता था। उन्होंने कहा कि इस क्रम
में हमने देखा कि शिकायतों के निवारण में जागरूकता आयी है तो यह सोचा कि क्यों
नहीं लोगों को उनके शिकायतों के निवारण का कानूनी अधिकार दिया जाय। इस मकसद से लोक
शिकायत निवारण कानून को लागू किया गया। आप सभी को अपने शिकायतों के निवारण का
कानूनी अधिकार मिल गया है,
इसको 5 जून से लागू किया गया है। इसी दिन लोकनायक
जयप्रकाष नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया था, इस दिन पर्यावरण दिवस भी है। हर जिला एवं
अनुमण्डलों में लोक शिकायत निवारण केन्द्र की स्थापना की गयी। उन्होंने कहा कि अब
लोग अपनी शिकायत लोक शिकायत निवारण केन्द्र में देते हैं। उनकी शिकायत पर उन्हें
एवं जिस विभाग से उनकी शिकायत संबंधित है, के अधिकारी को तिथि निर्धारित कर बुलाया जाता है। शिकायतकर्ता एवं अधिकारी को
आमने-सामने बैठाकर शिकायतों का निष्पादन किया जाता है। उन्होंने कहा कि निश्चय
यात्रा के क्रम में हमने लोक शिकायत निवारण केन्द्र पर की जा रही सुनवाई को देखा है।
देखकर काफी प्रसन्नता होती हैं। जो काम काफी दिनों से लटका हुआ था, उसका भी निष्पादन जल्द कर दिया गया। उन्होंने
कहा कि किशनगंज में एक व्यक्ति ने 1978 में जमीन खरीदा था। 1980
तक उसका रसीद
कटता रहा,
फिर रसीद कटना
बंद हो गया। वह व्यक्ति विभिन्न कार्यालयों का चक्कर लगाता रहा। 36 साल के बाद उसने लोक शिकायत निवारण कार्यालय
में शिकायत दर्ज करायी। उसकी शिकायत का निष्पादन आठ दिनों के अंदर हुआ। उसकी
समस्या का समाधान करके उसका रसीद भी काट दिया गया। उन्होंने कहा कि किशनगंज में ही
एक शिकायत सड़क निर्माण को लेकर थी। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने ग्रामीण कार्य
विभाग के अभियंता से पूछा कि सड़क निर्माण का कार्य कब से शुरू होगा। अभियंता को
बताना पड़ा कि सड़क निर्माण का कार्य मार्च महीने से शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने
कहा कि मोतिहारी में एक व्यक्ति का बिजली बिल 25 हजार रूपये आया था। व्यक्ति द्वारा लोक शिकायत निवारण केन्द्र में शिकायत दर्ज
करायी गयी। शिकायत के आलोक में बिजली विभाग के अभियंता एवं शिकायकर्ता दोनों को
नोटिस जारी कर बुलाया गया। बिजली विभाग के अभियंता मामले की जाँच कर आये थे।
उन्होंने कहा कि 25
हजार का बिजली
बिल गलत है,
इनका बिजली बिल 12 हजार रूपये होना चाहिये था। लोक शिकायत
निवारण पदाधिकारी के पूछने पर शिकायतकर्ता ने कहा कि मैं संतुष्ट हूँ | उन्होंने
कहा कि किशनगंज में एक गरीब व्यक्ति का 28 हजार रूपये का बिजली बिल आया था। व्यक्ति द्वारा इस संदर्भ में शिकायत दर्ज
करायी गयी। सुनवाई के दौरान बिजली विभाग के अभियंता द्वारा बताया गया कि बिजली बिल
गलत है। सही बिजली बिल मात्र आठ सौ रूपये का होना चाहिये। मैं इस सुनवाई के दौरान
वहीं मौजूद था। व्यक्ति के चेहरे पर खुशी देखने को मिली। इसे देखकर मन संतुष्ट हो
गया। उन्होंने कहा कि कोई भी शिकायत हो तो लोक शिकायत निवारण केन्द्र पर उसे दर्ज
करायें। अब कहीं और भटकने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में कितना काम
हो रहा है,
फिर भी कुछ लोग
बिहार को बदनाम करते हैं। मैं उनको कहना चाहता हूँ कि बिहार जाकर देख लीजिये।
उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून की तरह इस देष में कहीं और कानून नहीं
है। इस कानून के तहत अब तक 70 हजार से ज्यादा शिकायतों का निपटारा हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय कार्यक्रम
के कार्यान्वयन को देख रहे हैं। सात निश्चय योजना के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने
कहा कि सात निश्चय को महागठबंधन के साझा कार्यक्रम में शामिल किया गया। सरकार बनने
के बाद सात निश्चय के कार्यक्रमों को लागू करने के लिये येाजनायें बनायी गयी। सात
निश्चय को सरकारी कार्यक्रम के रूप में स्वीकार किया गया। सात निश्चय योजना को किस
प्रकार लागू करना है,
इस संदर्भ में
विभिन्न पहलुओं पर गहन चिन्तन कर विभिन्न योजनाओं का सूत्रण किया गया। उन्होंने
कहा कि सात निश्चय योजना पर अमल शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि सात निश्चय
कार्यक्रम अन्तर्गत युवाओं के लिये कार्यक्रम बनायी गयी है। कोई भी इच्छुक
छात्र-छात्रा 12वीं के आगे पढ़ना चाहता है तो उसे चार लाख
रूपये तक की सीमा का स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा ताकि वो आगे की
पढ़ाई बिना अपने माँ-बाप पर बोझ बिना कर सके। उन्होंने कहा कि 12वीं से आगे मात्र तेरह प्रतिशत छात्र ही पढ़ाई
कर पाते हैं,
इसको बढ़ाना है।
उन्होंने कहा कि स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड के लिये जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र
पर आवेदन दीजिये और स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड पाइये। उन्होंने कहा कि जो पढ़ेगा, वही आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 से 25 साल के ऐसे युवा जो आगे पढ़ना नहीं चाहते हैं तथा रोजगार तलाशना चाहते हैं तो
ऐसे युवा को स्वयं सहायता भता के रूप में एक हजार रूपये प्रतिमाह दो साल तक सरकार
की तरफ से दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि युवाओं के क्षमतावर्द्धन के लिये कुशल
युवा कार्यक्रम बनाया गया है। आज के युग में कम्प्यूटर पर काम करना नहीं आयेगा तो
रोजगार में अवसर नहीं बढ़ेंगे। इसके अलावा अच्छा व्यवहार एवं संवाद की भी जरूरत है।
आज हमें खुशी है कि कुशल युवा कार्यक्रम अन्तर्गत युवाओं को दिये जा रहे प्रशिक्षण
का क्लास चलना शुरू हो गया है। आज मधेपुरा में ही इसका उद्घाटन कर आ रहे हैं। प्रशिक्षण
केन्द्र पर खेल-खेल में कम्प्यूटर की बातें सिखाई जा रही है। उन्होंने कहा कि एक
निश्चय महिलाओं को सभी सरकारी सेवा में 35 प्रतिशत आरक्षण देने का था। 20 जनवरी 2016
से इसको लागू कर
दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों
में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जायेगी ताकि जो भी हमारे युवा रूचि रखते हैं, ज्ञान प्राप्त करने में, इंटरनेट के जरिये ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने
कहा कि इस सुविधा का सदुपयोग कीजियेगा। इंटरनेट का उपयोग ज्ञान की बातें डाउनलोड
करने में कीजियेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिहार में विभिन्न संस्थानों की भी
स्थापना की जा रही है। जिला में इंजीनियरिंग कॉलेज, पालिटेक्निक कॉलेज,
हर मेडिकल कॉलेज
में नर्सिंग कॉलेज,
ए0एन0एम0
कॉलेज, जी0एन0एम0 कॉलेज,
सभी अनुमण्डलों
में आई0टी0आई0
एवं ए0एन0एम0
स्कूल, हर जिला में महिलाओं के लिये आई0टी0आई0,
पाँच नये मेडिकल
कॉलेज खोले जायेंगे। आज मधेपुरा में
निर्माणाधीन जननायक कर्पूरी ठाकुर सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निरीक्षण
किया हूँ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को बुनियादी
नागरिक सुविधायें मिलनी चाहिये। उन्होंने कहा कि सात निश्चय अन्तर्गत इनसे जुड़े
योजनाओं को सम्मिलित किया गया है। चार साल में हर घर में नल का जल उपलब्ध करा
देंगे। बिहार को खुले में शौचमुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि सुखासन पंचायत के
वार्ड नंबर- 7
में हर घर नल का
जल,
हर घर में
शौचालय निर्माण,
हर घर बिजली, पक्की गली-नाली को देखकर आया हूँ। निश्चय
यात्रा के दौरान सात निश्चय के योजनाओं को क्रियान्वित होते देख रहा हूँ और इन
सबकी जानकारी आपको देने के लिये चेतना सभा आयोजित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा
कि बिहार में बड़ा सामाजिक परिवर्तन का कार्य किया गया है। पिछले साल महिलाओं का
सम्मेलन पटना में था,
जहाँ मैं अपना
भाषण समाप्त कर बैठा ही था कि पीछे से महिलाओं ने आवाज दी कि शराबबंदी लागू
कीजिये। मैंने पुनः माइक पर आकर कहा कि अगली बार सता में आऊॅगा तो शराबबंदी लागू करूँगा।
आपने पुनः दुबारा काम करने का मौका दिया। 20 नवम्बर को सरकार ने शपथ लिया। 26 नवम्बर को मद्य निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में यह एलान किया 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू की जायेगी। 1 अप्रैल 2016
से ग्रामीण
क्षेत्रों में पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी। शहरों में शराब की दुकानें खोलने पर
लोगों द्वारा विरोध किया गया। माहौल ऐसा बना कि 5 अप्रैल 2016
से पूरे बिहार
में शराबबंदी लागू की गयी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी लागू होने से माहौल में कितना
परिवर्तन आया है। पहले जो परिवार शराब पीने के कारण तबाह एवं पीड़ित हो रहा था। आज
उस परिवार की खुशियाँ लौट आयी है। आज शांति का माहौल है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी
का कितना फायदा हुआ है। पूरे बिहार में अपराध घट गया है। अप्रैल 2015 से नवम्बर 2015 की तुलना में शराबबंदी लागू होने के पश्चात अप्रैल 2016 से नवम्बर 2016 तक के आॅकड़ों को देखें तो हत्या में 24 प्रतिशत,
डकैती में 26 प्रतिशत, लूट में 16
प्रतिशत, फिरौती एवं अपहरण में 48 प्रतिशत, दंगा में 37
प्रतिशत, सड़क दुर्घटना में 19 प्रतिशत की कमी आयी है। सड़क दुर्घटना से होने
वाली मृत्यु में 21
प्रतिशत की कमी
आयी है। उन्होंने कहा कि हमारे शराबबंदी के फैसले का लोगों ने स्वागत किया। चंद
लोग इसका विरोध करते थे,
वो इसे अपने
अधिकार से जोड़कर देखते थे। संविधान के अनुसार शराब पीना या शराब का व्यापार करना
मौलिक अधिकार नहीं है। कल सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा
है कि देश के जितने एन0एच0 एवं राज्यों के एस0एच0 हैं,
उस पर शराब की
कोई भी दुकान सड़क के पाँच सौ मीटर तक नहीं खुलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी से कितना बड़ा
परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा कि शराब का राजस्व सरकार को आता था, पर यह अनैतिक व्यापार है। सरकार के खजाने में
अगर पाँच हजार करोड़ रूपये आता था तो लोगों के जेब से दस हजार रूपये बर्बाद होता
था। अब वह बच गया है,
लोग अपने पैसे
को सही जगह खर्च कर रहे हैं। हमने सर्वे कराया गया है कि शराबबंदी के पश्चात दूध
की बिक्री 11
प्रतिशत बढ़ गयी
है। लस्सी,
मिठाई, पेड़ा, गुलाब जामुन की बिक्री बढ़ गयी है। अब लोग अच्छे चीजों को खाने लगे हैं।
सिले-सिलाये कपड़े की बिक्री 44 प्रतिशत बढ़ गयी है। सिलाई मशीन की बिक्री 19 प्रतिशत बढ़ गयी है। प्लास्टिक के सामान की बिक्री बढ़ गयी है। आज समाज में
शांति और परिवार की स्थिति में सुधार आया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गड़बड़ करते
हैं,
सब पर नजर रखी
जा रही है। हमने पुलिस विभाग को कहा है कि जो पहले शराब का व्यापार करते थे एवं
उससे जुड़े थे,
उन पर नजर
रखिये। कानून के सहारे काम कर रहे हैं। किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा। हमलेाग
अपने निर्णय पर अडिग रहते हैं। उन्होंने कहा कि बिना जन चेतना एवं जन समर्थन के
इतना बड़ा अभियान सफल नहीं होगा। आप भी नजर रखिये। उन्होंने कहा कि पूर्णिया में
हमने देखा कि शराब के धंधे से जुड़े लोग अब दूध का कारोबार कर रहे हें। उन्होंने
कहा कि लोगों को इस व्यापार से दूर रहने के लिये समझाइये। जो लोग नषा करते हैं, उन्हें भी सब मिलकर समझाइये। अगर फिर भी उनका
नशा का लत नहीं छूटता है तो उसे नशामुक्ति केन्द्र में भर्ती करा दीजिये। आप सभी
नजर रखिये,
गड़बड़ी लगे तो
पुलिस एवं उत्पाद विभाग को खबर कीजिये। उन्होंने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि देश
आगे बढ़े तो चीन से सबक सिखिये। अगर भारत में लोग शराब छोड़ देंगे तो भारत चीन से भी
आगे बढ़ जायेगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के लिये अभियान चलते रहना चाहिये। फिर दो
महीने का अभियान चलाया जायेगा। शराबबंदी और नशामुक्ति के लिये 21 जनवरी से अभियान की शुरूआत की जायेगी। 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाया जायेगा। बिहार
के एक कोने से दूसरे कोने तक, जिलों के अंदर भी मानव श्रृंखला बनाया जायेगा। लगभग पाँच हजार किलोमीटर लंबा
मानव श्रृंखला बनाया जायेगा। इसमें लगभग दो करोड़ लोग शामिल होंगे। इस मानव
श्रृंखला की तस्वीर उपग्रह के माध्यम से ली जायेगी। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया
उस दिन इसे देखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने
कहा था कि जब कोई बड़ा काम होता है तो पहले लोग इसका मजाक उड़ाते हैं, फिर उसका विरोध करते हैं और फिर साथ चल देते
हैं। मजाक और विरोध करने का दौर खत्म हो गया। 21 जनवरी को सब इस मुहिम के साथ जुड़ जायेंगे। यह दुनिया के लिये एक नजिर बनेगा।
उन्होंने कहा कि इससे शराबबंदी का संदेष सभी जगह पहुँचेगा। पूरे देश में शराबबंदी
का माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से बिहार में परिवर्तन आया है। हमें इस
परिवर्तन को बनाये रखना है। उन्होंने कहा कि समाज में प्रेम, भाईचारा एवं सद्भाव का वातावरण बना रहेगा तो
बिहार को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि कोसी के इस इलाके को
और अच्छा कोसी बनायेंगे। मेरी बातों पर गौर कीजियेगा, उसे अंगीकार करने की कोशिश कीजियेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सात निश्चय योजना
से संबंधित लैम्प का अनावरण किया। साथ ही मुख्यमंत्री संथाल सुनिश्चित रोजगार
योजना के तहत संथाल लाभार्थियों के बीच राषि का वितरण किया।
इस अवसर पर मधेपुरा जिला के प्रभारी मंत्री
सह ऊर्जा मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री अब्दुल गफ्फूर, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री चन्द्रषेखर, विधान पार्षद श्री ललन सर्राफ, विकास आयुक्त श्री षिषिर सिन्हा, पुलिस महानिदेषक श्री पी0के0 ठाकुर ने भी सभा को संबोधित किया। आयोजित
चेतना सभा में मुख्यमंत्री को पाग, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंट किया गया। इस अवसर पर विधान परिषद के उप
सभापति श्री हारून रसीद,
पूर्व मंत्री सह
विधायक श्री नरेन्द्र नारायण यादव, विधायक श्री निरंजन मेहता, विधायक श्री रमेश ऋषिदेव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीष चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री बाला मुरूगन डी0, आयुक्त सहरसा प्रमण्डल, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी मधेपुरा, पुलिस अधीक्षक मधेपुरा सहित अन्य गणमान्य
व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
चेतना सभा के पश्चात संध्या में मुख्यमंत्री
श्री नीतीश कुमार ने मधेपुरा जिला के झल्लू बाबू सभागार में मधेपुरा जिला में किये
जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा बैठक तथा सरकार की जन कल्याणकारी एवं विकासात्मक
योजनाओं के क्रियान्वयन एवं अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री ने
सरकार के सात निश्चय की योजनाओं, शराबबंदी,
कानून व्यवस्था, शिक्षा आदि की समीक्षा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश
दिये। इस संदर्भ में विधायकों एवं विधान पार्षदो की समस्या एवं सुझाव आमंत्रित
किये गये तथा विभागीय प्रधान सचिव/सचिव को आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया
गया। मुख्यमंत्री ने शराबबंदी के सफल एवं प्रभावी क्रियान्वयन हेतु उत्पाद एवं
पुलिस विभाग को संयुक्त रूप से सक्रिय एवं तत्पर होकर सख्ती से कार्रवाई करने का
निदेश दिया।
समीक्षा बैठक में मधेपुरा जिला के प्रभारी
मंत्री सह ऊर्जा मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री अब्दुल गफ्फूर, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री चन्द्रषेखर, मधेपुरा जिला के विधायक एवं विधान पार्षदगण, विकास आयुक्त श्री शिशिर सिन्हा, पुलिस महानिदेषक श्री पी0के0 ठाकुर, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीष चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, आयुक्त सहरसा प्रमण्डल,
पुलिस
महानिरीक्षक,
पुलिस उप
महानिरीक्षक,
जिलाधिकारी
मधेपुरा,
पुलिस अधीक्षक
मधेपुरा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।