मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज श्रीकृष्ण
मेमोरियल हॉल में आयोजित जननायक कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर
उद्घाटन किया। बिहार प्रदेश जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित जननायक कर्पूरी
ठाकुर की जयंती समारोह में मुख्यमंत्री ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर
माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री को माला और पाग पहनाकर एवं अंगवस्त्र तथा मिथिला
पेंटिंग भेंटकर उनका भव्य स्वागत किया गया। अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष
श्री लक्ष्मेश्वर राय की अध्यक्षता में आयोजित जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह
में मुख्यमंत्री को प्रतीक स्वरूप मछली की प्रतिमा और भगवान बुद्ध की तस्वीर भी
भेंट की गयी।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा
कि हम सब लोग जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के जन्म दिवस के अवसर पर उपस्थित हुए हैं और
अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ द्वारा पुनः इस कार्यक्रम का आयोजन शानदार तरीके से किया गया है,
इसके लिए मैं आप सबको बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश
स्तर पर कर्पूरी जयंती समारोह को मनाया जाता था लेकिन इस वर्ष से बिहार के सभी
जिलों में जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि
हम जो भी काम करते हैं, उसके प्रेरणास्रोत जननायक कर्पूरी ठाकुर जी रहे
हैं। उन्होंने कहा कि बहुत लोग अब जयंती मनाने लगे हैं, यह
अच्छी बात है, इसमें किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए। उन्होंने
कहा कि जननायक जब इस धरती से विदा हुए तभी से ही हम लोग इस कार्यक्रम को करते आ
रहे हैं और यह सिर्फ औपचारिकता मात्र नहीं है बल्कि उनके काम और उनके व्यक्तित्व
को लोग समझें, जानें, इसका प्रयास
किया जाता है। आने वाली पीढ़ी भी जननायक कर्पूरी ठाकुर के व्यक्तित्व और कृतित्व से
अवगत हो सके, इसके लिए निरंतर ऐसे कार्यक्रम आयोजित होते रहे
हैं। इससे मुझे काफी खुशी है। उन्होंने कहा कि अगली बार से इस कार्यक्रम का आयोजन
बापू सभागार में होगा। उन्होंने कहा कि लोग काफी तादाद में इस कार्यक्रम में
उपस्थित हुये हैं, यह जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के प्रति लोगों की
प्रतिबद्धता का प्रकटीकरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया में अनसोशल
बातें चलती हैं और यह बात हम शुरू से ही कहते रहे हैं, जिन्हें
बुनियादी जानकारी और राजनीति का क, ख, ग पता नहीं है,
वह सोशल मीडिया के माध्यम से तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक परिवर्तन क्या है, बुनियादी
चीज क्या है, इसकी समझ नहीं रखने वाले लोग ही आज कल ज्यादातर
सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि 1977 में जननायक कर्पूरी ठाकुर
मुख्यमंत्री थे और उस समय मुंगेरीलाल कमीशन बनाकर उन्होंने आरक्षण लागू किया था,
जिसके कारण उन्हें कार्यकाल भी पूरा करने नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री
ने कहा कि बी0पी0 सिंह जब प्रधानमंत्री थे, उस
समय मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू की गयी थीं। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने
जिस तरह से बिहार में आरक्षण लागू किया था, अब
केंद्र में जो सरकार है, ऐसे में मुझे पूरा भरोसा है कि आरक्षण का
प्रावधान पूरे देश में लागू होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण प्रेरक की भूमिका
निभाता है, जिसके चलते अति पिछड़ों में शिक्षा के प्रति
प्रेरणा आयी है।
पार्टी प्रवक्ताओं को नसीहत देते हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको अपने एजेंडे पर 90 प्रतिशत काम करना चाहिए, जबकि 10 प्रतिशत ही समय और काम में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि
न्यायिक निर्णय पर आज तक हमने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और हम हमेशा मर्यादा में
चलते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय के साथ विकास से कोई समझौता नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि बिहार में चाहे कानून का राज कायम करने की बात हो या बुनियादी
ढांचे का विकास, पुल-पुलिया निर्माण की बात हो या सड़क निर्माण,
हर क्षेत्र में हमने विकास का काम किया है। इसके अलावा समाज कल्याण
का काम भी किया गया है। उन्होंने कहा कि कौन तबका है जिसके लिए विकास नहीं किया ?
अंतिम पायदान पर खड़े हर एक व्यक्ति के लिए हमने काम किया है और यह सब
काम वोट के चक्कर में नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1977 और 1980 में हम
चुनाव हारे थे, उसके बाद से चुनाव जीतते रहे हैं। उन्होंने कहा
कि कभी राजनीति वोट के लिए नहीं करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों की
आदत है कि जब उन्हें सत्ता हासिल होती है, तब वह धनार्जन
करते हैं और ताकत अर्जित करते हैं लेकिन हमारा मानना है कि जब जनता हमें मौका देती
है तो हमें सेवा करनी चाहिए और हम लोगों की सेवा निरंतर करने में जुटे हैं।
उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर जो कमेंट करना है, लोग
करते रहें, पत्थर की बौछार करते रहें लेकिन हम अपना काम
निरंतर करते रहेंगे क्योंकि हमारा मकसद है न्याय के साथ विकास। उन्होंने कहा कि
अगर आप विकास का काम करेंगे तो यह जरूरी नहीं है कि यह सबको अच्छा लगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में हमने शराबबंदी लागू की लेकिन जो कुछ चंद
धंधेबाज हैं, उन्हें यह निर्णय अच्छा नहीं लगता और अब दहेज
प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ जो सशक्त अभियान पूरे बिहार में चल रहा है, वह भी दहेज लेने वालों को अच्छा नहीं लगेगा। विकास के साथ समाज
कल्याण का काम जो हम कर रहे हैं, इससे वोट का कहीं कोई लेना देना नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के किसी
सुदूरवर्ती इलाके से पटना पहुंचने का पहले 6 घंटे का लक्ष्य निर्धारित था, उसे प्राप्त कर लेने के बाद हमने 5 घंटे का लक्ष्य निर्धारित किया है
और इसके लिए काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में किए गए
कामों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जहां लोग बिजली आने का सपना
देखते थे और बिजली के तार पर लोग कपड़े सुखाते थे, लोग
सोचते थे कि शायद कभी बिजली नहीं आएगी, लेकिन आज स्थिति
यह है कि बिहार के सभी गांव तक बिजली पहुंच चुकी है। जो कुछ टोले बचे हैं, इस साल के अप्रैल माह तक वहाँ बिजली पहुंचा दी जाएगी। इसके साथ ही इस
साल के अंत तक हर इच्छुक परिवार को बिजली मुहैया कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
कृषि रोड मैप का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने
कहा कि 5 साल के अंदर कृषि रोड मैप से संबंधित जो विभाग हैं, वह 1,54000 करोड़ रुपये खर्च कर कृषि के क्षेत्र में
निर्धारित किए गए लक्ष्य को हासिल करेगा। सात निश्चय योजनाओं का जिक्र करते हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर शौचालय निर्माण, हर
घर नल का जल, हर घर तक पक्की गली-नाली का निर्माण जैसी कई
बुनियादी सुविधाएं लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार कटिबद्ध है और इस दिशा में काम
तेजी से आगे बढ़ रहा है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए
कदमों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज और नगर निकाय के चुनाव
में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। साथ ही लड़कियों के लिए साइकिल और
पोशाक योजना भी चलाई जा रही है ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकें।
उन्होंने कहा कि बिहार में अब तक आठ लाख स्वयं
सहायता समूह का गठन किया जा चुका है और सरकार का लक्ष्य दस लाख स्वयं सहायता समूह
के गठन का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कल कुछ लोग ट्वीट में जिन शब्दों का
प्रयोग करते है, उसका अर्थ भी जानते है या नहीं, यह कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जिन्हें जो बोलना है या जो कहना
है, वे बोलते और कहते रहें, इससे
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। जो बुनियादी चीजें हैं, हम
करते रहेंगे और कभी उससे समझौता न किया है और न ही करेंगे। सवालिया लहजे में
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या महागठबंधन बना था घचपच और गड़बड़ करने के लिए ? उन्होंने कहा कि महागठबंधन जिसके लिए बना था, वह
काम हम उस समय भी कर रहे थे और आज भी कर रहे हैं क्योकि एक सीमा के आगे तक हम
कंप्रोमाइज नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि लोग सिद्धांत की बातें करते हैं तो क्या
सत्ता मिली थी धनार्जन करने के लिए ? जिसे जो कहना है,
कहता रहे लेकिन हमने बिहार के हित में राजनीतिक रुप से निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 जनवरी 2017 को
शराबबंदी के पक्ष में जो लोग हाथ पकड़कर साथ में खड़े हुए थे, आज
वे पलट गए हैं और अब शराबबंदी के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा
कि अब बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ पूरे बिहार में सशक्त अभियान चल रहा है और
21 जनवरी 2018 को जो मानव श्रृंखला बनी थी, उसमें
से कुछ लोगों को भड़काने और हड़काने की भी कोशिश की गई लेकिन इससे हमें कोई फर्क
नहीं पड़ने वाला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय के साथ विकास के
लिए हम प्रतिबद्ध हैं और जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रेरणा पाकर हम काम करते रहे
हैं, ऐसे में कुछ इक्का-दुक्का लालची लोग भी हैं,
जिन्हे चाहकर भी आप सुधार नहीं सकते। उन्होंने कहा कि कर्पूरी जयंती
समारोह में आप लोग शामिल हुए हैं, ऐसे में आप संकल्प लीजिए कि आप समाज सेवा के
लिए राजनीति करेंगे, न कि धनोपार्जन के लिए। उन्होंने कहा कि
श्रद्धेय कर्पूरी जी ने अपने लिए कुछ नहीं किया और कभी घृणा की राजनीति भी नहीं
की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी, लोहिया, जे0पी0
और जननायक कर्पूरी ठाकुर से हम प्रेरणा लेते हैं और इनकी बातों को बिहार की धरती
पर उतार रहे हैं, वह भी विकेंद्रीकृत तरीके से। मुख्यमंत्री ने
कहा कि बीच के दिनों में मुखिया जी को पावर छीनने का भय दिखाकर भड़काया गया,
जबकि सात निश्चय योजनाओं के जरिए उन्हीं लोगों को अधिकार दिया गया है,
जिसे अब वे भली-भांति समझ चुके हैं। बक्सर के नंदन गाँव की घटना का
जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में लोगों को भड़का ही दिया, जिसके कारण पत्थरों की बौछार शुरू हो गई, जबकि
हमने महिलाओं को नारेबाजी करते देखा तो सोचा कि उनसे मिल लें लेकिन इसके पहले ही
पत्थरों की बरसात शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक को हमने कहा है कि
इस पूरे मामले की जांच करिए और बेवजह लोगों को परेशान मत करिए। मुख्यमंत्री ने कहा
कि कोई अंदर नहीं रहे, हम चाहते हैं कि सब लोग बाहर आ जाएं जो इस
प्रकरण में गिरफ्तार हुए हैं लेकिन उन्हें अपनी गलती का एहसास भी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से बेल का कोई विरोध नहीं होगा लेकिन हर पक्ष की
जांच होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2012 में खगड़िया में भी इसी तरह की घटना हुई थी
लेकिन हम काम करने के लिए आए हैं तो यह सब हमें भुगतना ही पड़ेगा। हम पीछे नहीं
हटेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा वास्ता इन चीजों से नहीं है क्योंकि जो जैसा करेगा,
उसका फल भुगतेगा। उन्होंने कहा कि बहुत लोग भटक जाते हैं और आपको
भटकाने के लिए बहुत लोग सक्रिय रहेंगे लेकिन जो लोग कर्पूरी जी को मानते हैं,
वे हमेशा सही राह ही चुनेंगे, वैसे
लोग कभी नहीं भटकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत तरह के प्रलोभन, लोग दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न
से विभूषित किया जाए,
इसके लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है और
इसे फिर से भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जयंती समारोह में पटना में स्थित
कर्पूरी संग्रहालय को शोध संस्थान के रूप में विकसित करने की मांग की गई है, यह
अच्छा विचार है। इसके लिए मैंने मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और कला संस्कृति
विभाग को कह दिया है और यह संग्रहालय शोध संस्थान के रूप में विकसित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ चल रहे सशक्त अभियान के
प्रति लोगों में काफी उत्साह है,
जो जनसभाओं में ठंड के बावजूद भी बखूबी देखने
को मिला। इस बार 21 जनवरी को जो मानव श्रृंखला बनी, उसमें जिस तरह से काफी तादाद में लोगों ने अपनी
भागीदारी देकर अपनी भावना का प्रगटीकरण किया है, इसके लिए मैं सभी लोगों को बधाई देता हूँ।
उन्होंने कहा कि मानव श्रृंखला के बाद भी यह अभियान सशक्त रूप से निरंतर चलना
चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून को हम और
भी प्रखर बना रहे हैं लेकिन शराबबंदी, बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर हर
व्यक्ति अपने आस-पड़ोस के लोगों को प्रेरित करें और इसकी शुरुआत खुद से करें।
उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र के माध्यम से इस काम को किया जा रहा है लेकिन
जनसहभागिता से ही इसमें पूरी कामयाबी मिलेगी। जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती में
मौजूद लोगों को हाथ उठाकर संकल्प दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निरंतर आप इस
काम में लगे रहें ताकि इन सामाजिक कुरीतियों का खात्मा बिहार से हो सके। जदयू
प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री वशिष्ठ नारायण सिंह को निर्देश देते हुये
मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी स्तर पर जो भी मीटिंग या सभाएं होती हैं, इस
तरह का संकल्प निरंतर लोगों को दिलाने और उन्हें इन सामाजिक कुरीतियों के प्रति
प्रेरित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन और न्याय के साथ
विकास के जरिए लोगों तक हम बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने में कामयाब होंगे, यही
जननायक कर्पूरी ठाकुर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
समारोह
को जदयू प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री वशिष्ठ नारायण सिंह, ऊर्जा
मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव,
जल संसाधन मंत्री श्री राजीव रंजन उर्फ ललन
सिंह, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री मदन सहनी, पंचायती
राज मंत्री श्री कपिलदेव कामत,
ग्रामीण कार्य मंत्री श्री शैलेश कुमार, विधायक
श्री श्याम रजक ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधान पार्षद श्री संजय सिंह उर्फ
गाँधी जी, विधान पार्षद श्री रणवीर नंदन, विधान पार्षद श्री चन्द्रेश्वर प्रसाद
चन्द्रवंशी, जदयू प्रदेश प्रवक्ता श्री अजय आलोक, जदयू प्रदेश प्रवक्ता सुश्री अंजुम आरा, जदयू
प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती सुहेली मेहता सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्ति एवं पूरे
प्रदेश से काफी तादाद में आये जदयू कार्यकर्ता और जननायक कर्पूरी ठाकुर के अनुयायी
उपस्थित थे।