पटना, 18 फरवरी 2025 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में कैमूर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में समाहरणालय स्थित मुंडेश्वरी सभागार में समीक्षात्मक बैठक की।
समीक्षात्मक बैठक में कैमूर के जिलाधिकारी श्री सावन कुमार ने जिले में चल रही विकास कार्यों की प्रगति एवं अद्यतन स्थिति का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेलीमेडिसीन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा हर पंचायत में 10+2 विद्यालय, ग्राम पंचायत/नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज / परिमार्जन/परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन-हरियाली के तहत जीर्णोद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष औरंगाबाद जिले के जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।
समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आप सभी का इस बैठक में अभिनंदन एवं स्वागत करता हूं। कैमूर के जिलाधिकारी श्री सावन कुमार ने जिले में चल रहे विकास कार्यों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है, इसके लिये मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। यहां उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी बातें रखी हैं। जिन्हें अधिकारियो ने नोट किया है। मैं यही चाहूंगा कि जन प्रतिनिधियों द्वारा समस्याओं के संबंध में जो जानकारी यहां दी गई है, उस पर संबंधित विभाग आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करे। हमलोगों ने जब से बिहार में काम शुरू किया, तब से बिहार के प्रत्येक जिले में समय-समय पर जाकर हम विकास कार्यों को देखते रहें हैं। आज भी हमने कैमूर जिले में कई जगहों पर जाकर विकास कार्यों को देखा है। इस प्रगति यात्रा के शुरू होने से पहले अधिकारियों ने बैठक कर सभी जिलों के प्रमुख समस्याओं को चिन्हित कर लिया था। प्रगति यात्रा के क्रम में जिलों में जिन नए विकास कार्यों की घोषणा की जाती है, उन्हें कैबिनेट से स्वीकृति भी प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर, 2005 से हमलोगों ने बिहार के विकास के लिए काम करना शुरू किया, तब से निरंतर हमलोग बिहार को आगे बढ़ाने में लगे हैं। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के सरकार में हम मंत्री थे। उन्होंने ही हमें मुख्यमंत्री बनवाया। भाजपा के साथ हमारा पुराना रिश्ता आगे भी कायम रहेगा। वर्ष 2005 से पहले बिहार की क्या स्थिति थी, आप सभी इससे अवगत हैं। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। हिन्दू-मुस्लिम के बीच प्रायः झगड़े होते थे, जिसे हमने खत्म कराया। अब लोग अपनी आवश्यकता अनुसार जब जहां चाहें कहीं भी आ-जा रहे हैं। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। अस्पतालों में मरीजों को दवा नहीं मिलती थी। बिजली आपूर्ति की स्थिति दयनीय थी। देहाती इलाकों की बात तो छोड़ दीजिए, राजधानी पटना में भी प्रतिदिन अधिकतम 8 घंटे ही बिजली की आपूर्ति नहीं हो पाती थी। जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरू कराया। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है, 1273 और कब्रिस्तानों को चिह्नित किया गया है, जिसमें से 746 कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं, इसे देखते हुए 60 वर्ष से अधिक पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया गया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हो। हमलोगों ने कोई काम नहीं छोड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमलोगों ने काफी सुधार लाया है। बड़ी संख्या में नए स्कूल खोले गये हैं। नियोजित शिक्षकों को बड़े पैमाने पर बहाली की गई है। वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरू की गई थी लेकिन जब लड़कों ने मांग शुरू की तो वर्ष 2010 से उनके लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे समय पर स्कूल जाने लगीं। इसके साथ ही लड़कियां शाम में अपने माता-पिता को बाजार भी ले जाती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 8 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा रही है। इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। हमलोगों ने मदरसों को भी सरकारी मान्यता प्रदान की है और वहां पढ़ानेवाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काफी सुधार कराया गया है। वर्ष 2005 से पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ मरीज इलाज कराने आते थे। हमलोगों ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा एवं इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई, जिसके कारण अब एक माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। हमलोगों ने कैमूर जिले में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना कराने का निर्णय लिया है। यहां मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना की जाएगी। बिहार का सबसे पुराना अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पी०एम०सी०एच०) को 5400 बेड की क्षमता का बनाया जा रहा है। इतने अधिक क्षमता का मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल दुनिया में कहीं नहीं है। बाकी 5 पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों का भी विस्तार कर 2500 बेड की क्षमता का अस्पताल बनाया जा रहा है। आई०जी०आई०एम०एस०, पटना का भी विस्तार कर उसे 3000 बेड की क्षमता का अस्पताल बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2015 से सात निश्चय योजना के माध्यम से हर घर तक नल का जल, हर घर में शौचालय का निर्माण, हर घर तक पक्की गली नाली का निर्माण, हर टोले तक पक्की सड़क का निर्माण, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी है। जो भी नई बसावटें बनी हैं, उनमें भी ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिन लोगों के घरों में शौचालय निर्माण के लिए जगह नहीं थी, वैसे परिवारों के लिए सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया। वर्ष 2020 से सात निश्चय योजना-2 के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, टेलीमेडिसीन, बाल हृदय योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए काफी काम किया है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। जब हमलोगों की सरकार बिहार में बनी तो हमलोगों ने विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ानी शुरू की। हमने ही स्वयं सहायता समूह का नाम 'जीविका' दिया और इससे जुड़ी महिलाओं को जीविका दीदी कहा। यहां के काम से प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और इसका नाम आजीविका दिया। हमलोगों ने अब बिहार के शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन शुरू कराया है। अब तक शहरी इलाकों में 34 हजार स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिससे 3 लाख 60 हजार जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसके बाद अब तक कुल 4 चुनाव संपन्न हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने वर्ष 2013 से पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दे रहे हैं, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। बिहार पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, देश के किसी भी अन्य दूसरे राज्य के पुलिस बल में उतनी नहीं है। वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में सात निश्चय योजना-2 के तहत 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर अब 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। वर्ष 2025 में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। हमने सभी पार्टियों के साथ बैठक कर बिहार में जाति आधारित गणना कराई गई, जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैमूर जिले में सभी क्षेत्र में विकास के काम कराए गए हैं। यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, पारा मेडिकल संस्थान और छात्रावासों का निर्माण कराया गया है। साथ ही राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान, सभी जिलों में महिला आई०टी०आई०, सभी अनुमंडलों में आई०टी०आई०, जी०एन०एम० संस्थान एवं अनेक सड़क तथा पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। आवासीय विद्यालय, छात्रावास का भी निर्माण कराया गया है। भभुआ में सदर अस्पताल का निर्माण किया गया है। कैमूर जिला के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यहां मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा। यहां भभुआ-मोहनियां-चौसा पथ का चौड़ीकरण कराने के साथ ही आरा-मोहनियां फोरलेन का भी निर्माण कराया गया है। भभुआ और मोहनियां शहर में जल-जीवन-हरियाली योजना के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति दुर्गावती जलाशय से पाइप लाइन के जरिए किया जा रहा है, जिसकी प्राक्कलित राशि 198 करोड़ रुपये है। मां मुंडेश्वरी मंदिर प्रांगण में पर्यटकीय सुविधाओं का विकास कराया जा चुका है। यहां की मौदर काफी प्राचीन, ऐतिहासिक और प्रसिद्ध है। कैमूर जिला में 28 पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जा चुका है। शेष 107 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण का कार्य इस साल के जून माह तक निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप पूर्ण करा लिया जाएगा। विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में भी सुधार लाने के लिए काफी काम किए गए हैं। कैमूर जिले में 3 विद्युत ग्रिड सब स्टेशन, 33 पावर सब स्टेशन, कृषि कार्य हेतु 32 डेडीकेटेड कृषि फीडर स्थापित हो चुका है, जिसके माध्यम से 2677 किसानों को पटवन हेतु बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। कैमूर जिले में अब तक 15,507 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिससे 1 लाख 90 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हैं। यहां 11 जीविका दीदी की रसोई भी संचालित है।
कैमूर जिले में लोगों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणायें
अधौरा प्रखंड में डिग्री कॉलेज का निर्माण किया जायेगा, इससे अचौरा पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले छात्र-छात्राओं को लाभ होगा।
सोन नदी-कोहिरा नदी लिंक परियोजना का विकास किया जायेगा, इससे बड़े क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।
मोहनियां में बाईपास का निर्माण किया जायेगा, इससे लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।
अधौरा पहाड़ स्थित पर्यटन स्थल करकटगढ़, तेल्हारकुण्ड एवं वंशीखोह में पर्यटकीय सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा।
कैमूर जिले में प्रेक्षागृह का निर्माण किया जायेगा।
अधौरा प्रखण्ड में अवस्थित गाँवों में सोन नदी से पेयजल की आपूर्ति की जायेगी।
कैमूर में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का निर्माण कराया जायेगा।
जमानियाँ गंगा जल लिफ्ट योजना को उत्तर प्रदेश सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर क्रियान्वित किया जायेगा।
कैमूर जिलों के 8 प्रखंडों क्रमशः मोहनियाँ, अधौरा, चैनपुर, रामपुर, चांद, कुदरा, भगवानपुर एवं नोआंव में प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवन का निर्माण कराया जायेगा।
कैमूर में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निर्माण कराया जायेगा, इसके लिए शीघ्र ही कार्रवाई की जायेगी।
मोहनियां में नरौरा से सेमटिया गाँव तक रोड का निर्माण कराया जायेगा। रामपुर प्रखंड के बगहीं हेड से रामपुर, पाली होते हुए नहर की सफाई कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा कैमूर जिले के विकास के लिए और जो जरूरी आवश्यकताएं होंगी, उन्हें पूरा किया जाएगा। बिहार के हर क्षेत्र में विकास के कार्य किये जा रहे हैं। आगे इस काम में और तेजी लाई जाएगी।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी श्री सावन कुमार ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमा खान, श्रम संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सिंह, विधायक श्रीमती संगीता कुमारी, विधायक श्री अशोक कुमार सिंह, विधायक श्री भरत बिंद, विधान पार्षद श्री जीवन कुमार, कैमूर जिला परिषद् की अध्यक्ष श्रीमती रिंकी सिंह, कैमूर नगर परिषद् के मुख्य पार्षद श्री विकास तिवारी, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री अनिल सिंह कुशवाहा, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री मनोज कुमार जायसवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, विकास आयुक्त श्री प्रत्यय अमृत, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय श्री कुंदन कृष्णन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, विभिन्न विभागों को अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, पटना प्रमंडल के आयुक्त श्री मयंक बरवड़े, शाहाबाद प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक श्री सत्य प्रकाश, जिलाधिकारी श्री सावन कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री हरि मोहन शुक्ला सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।